भारत की प्रमुख एयरलाइन इंडिगो की मातृ कंपनी इंटरग्लोब एविएशन को हाल ही में एक बड़े टैक्स दावे का सामना करना पड़ रहा है आइए जानें इसके बारे में।
कर की मांग का विवरण:
कुल टैक्स दावा:आयकर विभाग ने इंटरग्लोब एविएशन पर कुल ₹1,666 करोड़ की टैक्स मांग की है।
वित्तीय वर्ष के अनुसार विभाजन:2016-17 के लिए ₹740 करोड़ और 2017-18 के लिए ₹927 करोड़।
कंपनी की प्रतिक्रिया:
चुनौती देने का निर्णय: कंपनी ने इस आदेश को चुनौती देने का फैसला किया है।
व्यक्तिगत सुनवाई का अभाव: इंडिगो का कहना है कि आयकर आयुक्त ने उन्हें व्यक्तिगत सुनवाई का मौका नहीं दिया।
पिछले मामले की जानकारी:
2015 का निर्णय: पहले भी 2015 में ऐसी ही एक टैक्स मांग की गई थी।
विमान खरीद पर छूट: विमान खरीद पर मिली छूट को कमीशन माना गया था।
कर योग्य आय में संशोधन: विमान निर्माताओं से मिले प्रोत्साहन और कुछ खर्चों को न मानने की वजह से कर योग्य आय बढ़ा दी गई है।
इंडिगो का पक्ष: इंडिगो का मानना है कि विमान खरीदने पर मिलने वाली छूट
एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसे वे अपने निवेश के रूप में देखते हैं।
इस मामले में आयकर विभाग का कहना है कि ये छूट दरअसल बड़े लेन-देन के लिए मिलने वाला कमीशन है। इस विवाद का नतीजा अभी आना बाकी है और यह भारतीय विमानन उद्योग पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है।